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Debt to Equity Ratio Meaning In Hindi | D/E Ratio क्या होता है?

Debt to Equity Ratio एक अनुपात जिसका उपयोग प्रत्येक निवेशक करता है क्युकी शेयर मार्केट के किसी शेयर में निवेश करने से पहले आप उसका फंडामेंटल एनालिसिस करते है जिसमे Debt to Equity Ratio भी आता है तो आज हम Debt to Equity Ratio के बारे में सबकुछ जानेंगे की Debt to Equity Ratio Meaning In Hindi, Debt to Equity Ratio का फॉर्मूला क्या है और किसी कंपनी का Debt to Equity Ratio कितना होना चाहिए। तो चलिए पहले जानते है

Debt to Equity Ratio Meaning In Hindi

Debt to Equity Ratio एक अनुपात है जिससे पता चलता है कि किसी कंपनी ने अपने इक्विटी शेयरहोल्डर के 1 रुपया पर कितना कर्ज लिया है जिसमे अगर कंपनी ने अपने इक्विटी के मुकाबले अधिक कर्ज लिया है मतलब कंपनी अपने बिजनेस से पैसे इक्ट्ठे नही कर पा रही है और पैसा कर्ज के द्वारा ला रही है

Debt to Equity Ratio Meaning In Hindi

लेकिन अगर कंपनी के पास अपने इक्विटी के मुकाबले कम कर्ज है तो इसका मतलब कंपनी अपना व्यवसाय अच्छे से कर रही है और किसी खराब समय में कंपनी नही डूबेगी क्युकी इसके कर्जदार कम रहेंगे।

Debt to Equity Ratio Formula In Hindi

Debt to Equity Ratio निकालने के लिए आपको कंपनी के कुल लायबिलिटी को टोटल इक्विटी शेयरहोल्डर फंड से भाग देना है जिसके बाद Debt to Equity Ratio आ जायेगा

Debt to Equity Ratio= Total Liabilities/Total Shareholder Equity Fund

Example Of Debt to Equity Ratio In Hindi

मानलीजिए किसी कंपनी का इक्विटी शेयरहोल्डर फंड ₹100 करोड़ है और कंपनी ने ₹200 करोड़ का कर्ज लिया है तो इसमें हम Debt to Equity Ratio निकालने के लिए फॉर्मूला का उपयोग करेंगे।

D/E Ratio= 200/100 = 2

Debt to Equity Ratio का उपयोग

Debt to Equity Ratio एक अनुपात है जिसका उपयोग हम किसी भी शेयर के फंडामेंटल एनालिसिस में करते है जिससे पता चलता है की कंपनी ने अपने शेयरहोल्डर इक्विटी फंड के मुकाबले कितने का कर्ज ले रखा है जिससे हमे कंपनी के लायबिलिटी के बारे में पता चलता है और हम जान पाते है की कंपनी का कर्ज उसके इक्विटी से ज्यादा है कि कम है।

Debt to Equity Ratio कितना होना चाहिए

स्टॉक मार्केट में किसी भी कंपनी का Debt to Equity Ratio 1 से कम हो तो अच्छा माना जाता है जिसमे कंपनी के पास लगभग अपने इक्विटी फंड के जितना कर्ज होता है जिससे अगर कोई खराब समय आता है तो कंपनी डूबने से बच जाएगी और अच्छे समय में निवेशक को अच्छा रिटर्न देगी।

नोट: बैंकिंग और फाइनेंस कंपनी का Debt to Equity ज्यादा रहता है।

Debt to Equity Ratio ज्यादा होने के नुकसान

आमतौर पर ज्यादा कंपनिया व्यापार बढ़ाने के लिए कर्ज लेती है जो की कोई बुरी बात नहीं है लेकिन अगर कोई कंपनी बहुत ज्यादा कर्ज ले लेती है या अपने इक्विटी से ज्यादा कर्ज ले लेती है तो आज नही तो कल उसे उसका ब्याज तो चुकाना ही पड़ेगा।

इसके बाद उन पैसों से अच्छा व्यापार करती है लेकिन कोई भी बिजनेस हमेशा एक जैसा नहीं चलता है कभी मुनाफा होता है तो कभी नुकसान और अगर बिजनेस में मंदी आती है जिससे कंपनी की आमदनी कम हो जाती है इस समय भी कंपनी को ब्याज देना ही पड़ेगा जिससे धीरे धीरे कंपनी का प्रॉफिट काम होने लगता है और कितनी कंपनिया नुकसान में भी चली जाती है।

इसलिए ज्यादातर निवेशक काम कर्ज वाले कम्पनियों में निवेश करते है क्युकी काम कर्ज से कंपनी आसानी से कर्ज चुका सकती है जिससे उसका वित्तीय स्थिति नियंत्रण रहता है।

किसी भी कंपनी का Debt to Equity Ratio कैसे जाने?

आप किसी भी लिस्टेड कंपनी का Debt to Equity Ratio Moneycontrol और Finology आदि वेबसाइट और एप्लीकेशन द्वारा चेक कर सकते है इसके अलावा यहां कंपनी के बारे में और भी जानकारी रहती जिससे आप किसी भी कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस आसानी से कर सकते है।

FAQ (Debt to Equity Ratio Meaning In Hindi)

Q1.Debt to Equity Ratio Meaning In Hindi

Answer: Debt to Equity Ratio एक वित्तीय अनुपात है जिससे हम जानते है कि किसी कंपनी ने अपने इक्विटी शेयरहोल्डर के एक रुपया के बदले कितना कर्ज लिया है।

Q2. Debt to Equity Ratio Formula

Answer: Debt to Equity Ratio= Total Liabilities/Total Shareholder Equity Fund

Q3. Debt to Equity कितना होना चाहिए?

Answer: किसी भी कंपनी का Debt to Equity उसके बिजनेस के अनुसार अलग अलग होता है जैसे बैंकिंग कंपनी का D/E Ratio ज्यादा रहता हैं लेकिन सामान्य कंपनी का D/E Ratio 1 से कम हो तो अच्छा माना जाता है।

Q4.Debt to Equity Ratio क्यो देखना चहिए?

Answer: D/E Ratio से हमे कंपनी के कर्ज के बारे में पता चलता है की कंपनी ने अपने इक्विटी के मुकाबले कितना कर्ज ले रखा है जो कि फंडामेंटल एनालिसिस का हिस्सा है।

Q5.Debt to Equity Ratio कैसे चेक करते है?

Answer: आप किसी भी लिस्टेड कंपनी का D/E Ratio Finology के वेबसाईट या एप पर देख सकते है जहां आपको कंपनी का नाम search करना है फिर उस कंपनी की सारी जानकारी आ जाएगी जिसमे Debt to Equity Ratio भी रहता है।

Conclusion (Debt to Equity Ratio Meaning In Hindi)

आपने इस पोस्ट के माध्यम से जाना कि Debt to Equity Ratio का मतलब होता है कि कोई कंपनी अपने इक्विटी शेयर के मुकाबले कितना कर्ज ले है उसके अनुसार हम अनुपात निकालते है जिसका उपयोग फंडामेंटल एनालिसिस करने में किया जाता है

उम्मीद है आप इस लेख Debt to Equity Ratio Meaning In Hindi से D/E Ratio के बारे मे सब कुछ सीख गए होंगे अगर आपको ये पोस्ट पसंद आया तो इसे अपने दोस्तो जरूर शेयर करे और शेयर मार्केट से जुड़े जानकारी लेने के लिए अन्य पोस्ट पढ़े।

धन्यवाद

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