जब भी आप स्टॉक मार्केट के बारे में सुनते है तो आपके मन में शेयर का खयाल जरूर आता होगा तो आपको बता दू कि शेयर तीन प्रकार के होते है जिसमे से एक है equity share इसके बारे में हम इस पोस्ट मे जानेंगे Equity share meaning in Hindi Equity Share कितने प्रकार के होते है और आप equity share मे कैसे निवेश कर सकते है। तो चलिए पहले जानते है:-
Equity का मतलब किसी बिजनेस में ownership होता है इसी तरह शेयर मार्केट में equity share है जिसका मतलब कंपनी का सबसे छोटा हिस्सा होता है यानी जब हम किसी कंपनी का शेयर खरीदते है मतलब हम उस कंपनी का इक्विटी खरीद रहे है। यानि जितना ज्यादा आप उस कंपनी में इक्विटी खरीदेंगे उतना ज्यादा आपकी हिस्सेदारी बढ़ेगी और आप एनुअल मीटिंग में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के चयन के लिए वोट भी कर सकते है।
BSE और NSE स्टॉक एक्सचेंज यानी शेयर मार्केट है जहा पर कोई भी निवेशक या ट्रेडर्स स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड किसी भी कंपनी के शेयर्स खरीद और बेच सकता है।
Equity share कंपनी द्वारा जारी किया जाता है जब कंपनी को पैसे की आवश्यकता होती है तो कंपनी Ipo के द्वारा अपना शेयर स्टॉक मार्केट पर लिस्ट करती है।
मानलीजिए ABC एक कंपनी है जो दो लोगो द्वारा 10 करोड़ रुपया से शुरू किया गया था जिसमे दोनो के पास 50% equity यानी हिस्सेदारी है लेकिन अभी कंपनी को 5 करोड़ की और आवश्यकता है जिसके लिए कंपनी अपना Ipo ला रही है जिसके बाद कंपनी का शेयर एक्सचेंज में लिस्ट हो जायेगा और निवेशक शेयर खरीद पाएंगे। जिसमे 5 करोड़ रुपए के बदले 50% इक्विटी दिया जा रहा है जिसके बाद कंपनी के मालिक के पास 50% इक्विटी रह जायेगी।
Company द्वारा Equity Share जारी करने का मुख्य उद्देश्य पैसे इकट्ठा करना है जिसका उपयोग कंपनी के विकास और बिजनेस को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसमेे निवेशक निवेश करते है जिससे कंपनी को पैसे मिल जाता है और निवेशक को कंपनी का शेयर मिल जाता है।
Equity Share के अलग अलग प्रकार है जो नीचे दिए गए है।
- Ordinary Share
- Preference Share
- Bonus Share
- Right Share
- Sweat Equity
- ESOPs
इक्विटी शेयर को आर्डिनरी शेयर कहा जाता है जिसमे निवेशक शेयर मार्केट से कंपनी का शेयर खरीदते है और कंपनी में उतने हिस्से के मालिक बन जाते है जब शेयर का मूल्य बढ़ता है और कंपनी को प्रॉफिट होता है तो निवेशक को भी फायदा होता है और Dividend भी मिलता है।
preference share मे shareholder को एक निश्चित डिविडेंड दिया जाता है इसमें आर्डिनरी शेयरहोल्डर से पहले प्रिफरेंस शेयरहोल्डर को डिविडेंड दिया जाता है प्रिफरेंस शेयर में कम रिस्क होता है क्युकी अगर कंपनी बंद भी हो जाती है तो इनको पहले पैसा दिया जायेगा।
जब कंपनी के पास प्रॉफिट होता है तो उसमे से कंपनी बोनस शेयर जारी करती है जिसमे शेयरहोल्डर के शेयर बढ़ जाते है लेकिन मार्केट कैपिटलाइजेशन उतना ही रहता है।
कंपनी के कुछ निवेशक के लिए Right share जारी किया जाता है जिसमे अगर किसी कंपनी को पैसे की जरूरत होती है तो पहले वो अपने शेयरहोल्डर को ऑफर देती है और जो शेयर दिया जाता है उसे राइट शेयर कहते है।
Sweat Equity Meaning In Hindi
जैसे कि इसके नाम में है sweat मतलब पसीना। जब कंपनी में कोई कर्मचारी या डायरेक्टर मेहनत से और अच्छे से काम करके कुछ achievement प्राप्त करते है तो इनको sweat equity दिया जाता है जिसमे कम दाम पर शेयर मिलता है।
Employee Stock Option (Esops) Meaning In Hindi
Esops कंपनी की एक स्ट्रैटजी है जिसमे कंपनी द्वारा अपने कर्मचारी और डायरेक्टर को incentive और रिटेंशन देने में इस्तेमाल किया जाता है जिसमे कर्मचारी के पास विकल्प होता है की वो भविष्य में कंपनी का शेयर निश्चित दाम पर खरीद सकता है।
इक्विटी शेयर में निवेश करने के लिए आपके पास Demat Account होना जरूरी है जिसे आप किसी भी रजिस्टर्ड ब्रोकर से खुलवा सकते है जैसे upstox है।
Demat Account: आप Upstox मोबाइल एप्लीकेशन और वेबसाइट द्वारा अपने pan card,aadhar card और नॉर्मल kyc करके Demat Account open कर सकते है।Demat Account मे शेयर रखा जाता है जैसे आप बैंक में पैसा रखते है उसी तरह से।
Trading Account: जब आप Demat Account open करते है उसके साथ ही ट्रेडिंग अकाउंट खुल जाता है जिसके द्वारा शेयर को खरीदा और बेचा जाता है जिसके बाद शेयर डीमैट अकाउंट मे चला जाता है और उसमे सुरक्षित रहता है।
Bank Account: बैंक खाता से आप डीमैट अकाउंट में पैसे का लेन देन करते है जिससे आप शेयर खरीदते है और बेचने के बाद अपने बैंक अकाउंट में भेज देते है।
शेयर में निवेश करने का दो रास्ता है पहला Ipo के द्वारा और दूसरा शेयर मार्केट जैसे Nse और Bse से आप निवेश कर सकते है इन सबकी जानकारी आपको Upstox पर मिल जाएगी जहां से आप आसानी से ipo मे अप्लाई कर सकते है या शेयर भी खरीद सकते है।
- Equity Share स्थाई एसेट है जो लंबे समय तक रहता है जब तक कंपनी बंद नहीं हो जाती है।
- Equity shareholder कंपनी के real owner होते है कंपनी का जितना ज्यादा शेयर आपके पास रहेगा आप उतने हिस्से के मालिक बन जाते है।
- Equity shareholder को वोटिंग का अधिकार होता है जिससे वो कंपनी के वार्षिक मीटिंग में वोट कर सकते है और डायरेक्टर का भी चयन कर सकते है।
- कंपनी के प्रॉफिट करने पर इक्विटी शेयरहोल्डर को डिविडेंड दिया जाता है जो कंपनी के डायरेक्टर पर निर्भर करता है
- इक्विटी शेयर अधिक तरल होते है क्योंकि ये एक्सचेंज पर ट्रेड करते है इसलिए आप इसे आसानी से खरीद और बेच सकते है और पैसे में बदल सकते है।
- इक्विटी शेयर में ज्यादा रिटर्न मिलता है।
Equity Share के कई नुकसान भी है जो कि आपको जान लेना चाहिए।
- अगर आप शेयर खरीदते है तो ये निश्चित नहीं है की शेयर का प्राइस बढ़ेगा ही उसका प्राइस काम भी हो सकता है जिससे आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
- डिविडेंड राशि पहले प्रिफरेंस शेयरहोल्डर को दिया जाता है और अगर बचता है तो इक्विटी शेयरहोल्डर को दिया जाता है।
- कंपनी के दिवालिया होने पर सबसे ज्यादा नुकसान इक्विटी शेयरहोल्डर को होता है।
- इक्विटी शेयर बहुत रिस्की होता है।
Equity Share Meaning In Hindi | Preference Share Meaning In Hindi | |
Meaning | इक्विटी शेयर में शेयरहोल्डर को कंपनी में हिस्सेदारी मिलती है उसके खरीदे गए शेयर के अनुसार। | प्रिफरेंस शेयरहोल्डर के पास प्रिफेंशियल राइट होता है कंपनी के प्रॉफिट और एसेट पर |
Return | इक्विटी शेयरहोल्डर को शेयर के दाम बढ़ने पर और डिविडेंड मिलने पर फायदा होता है। | प्रिफरेंस शेयरहोल्डर को डिविडेंड मिलता है। |
Voting Rights | Equity shareholder के पास vote करने का अधिकार होता है। | जबकि preference shareholder को वोट करने का अधिकार नही होता है। |
Dividend Rate | डिविडेंड कंपनी के प्रॉफिट पर निर्भर करता है अगर ज्यादा प्रॉफिट हुआ तो डिविडेंड मिलता है नही तो नही मिलता है। | प्रिफरेंस शेयर में शेयरहोल्डर को एक फिक्स्ड रेट से डिविडेंड मिलता है। |
Redemption | Equity Share को Redeem नही कर सकते है ये स्थाई एसेट है जब तक कंपनी बंद नहीं हो जाती है। | Preference share को एक निश्चित समय के बाद Redeem कर सकते है |
Liquidity | Equity share मे अधिक तरलता होता है क्युकी इक्विटी शेयर एक्सचेंज पर ट्रेड होते है जो आसानी से खरीदे और बेचे जाते है। इसे हम आसानी से cash मे बदल सकते है | Preference Share एक्सचेंज पर ट्रेड नही होते है इसे कंपनी द्वारा बायबैक किया जाता है या मैच्योरिटी होने पर redeem कर सकते है। |
Banruptcy | कंपनी के bankruptcy के समय इक्विटी शेयरहोल्डर को प्रेफरेंस शेयरहोल्डर के बाद पेमेंट दिया जायेगा। | जबकि प्रेफरेंस शेयरहोल्डर का कंपनी के एसेट पर प्रेफरेंशियल अधिकार है इसलिए इसे इक्विटी शेयर से पहले भुगतान किया जाएगा। |
Answer:- इक्विटी शेयर मतलब कंपनी का सबसे छोटा अंश या हिस्सा होता है जो शेयर मार्केट में लिस्ट होता है अगर आप कंपनी का शेयर खरीदते है तो उतने हिस्से के मालिक बन जाते है।
Answer:- Equity Share को Ordinary Share भी कहा जाता है।
Q3. Equity Market क्या होता है?
Answer:- ऐसा मार्केट जहा इक्विटी शेयर ट्रेड होता है उसे इक्विटी मार्केट कहते है जैसे कि Bse और Nse स्टॉक एक्सचेंज है जहां से हम शेयर को खरीद और बेच सकते है।
Answer:- जब किसी कंपनी को अपना बिजनेस बढ़ाने या कर्ज चुकाने आदि के लिए पैसे की आवश्यकता होती है तो कंपनी Ipo के द्वारा मार्केट में अपना शेयर इश्यू करती है और पैसे उठाती है।
Conclusion (Equity Share Meaning In Hindi)
इस लेख Equity Share Meaning In Hindi में आपने सीखा की इक्विटी मतलब हिस्सेदारी होती है अगर किसी कंपनी का शेयर आप खरीदते है तो आप उतने भाग के मालिक बन जाते है। equity share पर आपको शेयर का प्राइस बढ़ने पर और डिविडेंड मिलने पर मुनाफा होता है। इक्विटी शेयर में आपको वोटिंग का अधिकार मिलता है जिससे आप मीटिंग में वोट कर सकते है और डायरेक्टर का चयन भी कर सकते है।
इक्विटी शेयर आप demat account के द्वारा ipo से और स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकते है इसमें रिस्क होता है क्युकी इसकी कोई गारंटी नहीं होती है की शेयर खरदने पर ऊपर जायेगा की नही जिससे आपके गलत एनालिसिस के वजह से आपका नुकसान भी हो सकता है।
उम्मीद है आपके ये पोस्ट Equity Share Meaning In Hindi ज्ञानपूर्ण लगा होगा और आपके Equity Share से जुड़ी सारे सवालों का जवाब मिल अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है या कुछ अन्य विषय पर जानना चाहते है तो कमेंट करके जरूर बताएं।
धन्यवाद
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