अगर आप स्टॉक मार्केट में निवेश करते है या फिर ट्रेडिंग आपको चार्ट पैटर्न और candlestick के बारे में पता होना चाहिए आप ने भी चार्ट्स में कई सारी हरी और लाल candlestick देखे होंगे तो आपके मन में भी सवाल आया होगा की ये Candlestick क्या होता है और Candlestick कैसे बनता है
तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है आज आप इस पोस्ट what is Candlestick In Hindi से candlestick के बारे में विस्तार से जान जायेंगे तो चलिए पहले जानते है:
What is Candlestick In Hindi
Candlestick शेयर मार्केट में प्राइस मूवमेंट को दिखाती है जिससे ट्रेडर कैंडल्स देखकर प्राइस एक्शन और टेक्निकल एनालिसिस करता है जिसमे अलग अलग चार्ट पैटर्न और candlestick शामिल होते है जिसमे अगर आप किसी कैंडल को देखेंगे तो उसमे एक हरी रहती है और दूसरी लाल कैंडल जिसमे अगर कैंडल हरी है मतलब मार्केट बढ़ रही है उसी तरह अगर मार्केट बेयरिश है और गिर रही है तो लाल कैंडल बनेगी।
Candlestick मोमबत्ती की तरह दिखते है उसी तरह इसमें भी विक होता है और बॉडी भी होता है इसलिए इसे कैंडल कहते है
Candlestick मे जो बीच का भाग होता है जिसमे रंग होते है उसे कैंडल का Body कहते है और ऊपर और नीचे के भाग को Vick, या shadow कहते है जिससे मिलकर एक candlestick बनता है।
जैसे की शेयर का प्राइस डिमांड और सप्लाई पर चलता है मतलब जब लोग शेयर को ज्यादा खरीदते है मतलब उसकी डिमांड बढ़ती है तो शेयर का दाम बढ़ता है उसी तरह जब लोग शेयर को बेचना शुरू करते है तो इसकी डिमांड काम होने लगती है जिससे इसकी प्राइस काम होने लगती है
इसी के अनुसार candlestick बनती है जब ज्यादा लोग शेयर को खरीदते है मतलब बायर ज्यादा रहते है तो ग्रीन कैंडल बनती है लेकिन candlestick का समय अंतराल अलग अलग होता है अगर आप 5 मिनट का चार्ट देख रहे है उसमे हर कैंडल 5 मिनट की ही रहती है मतलब उसमे 5 मिनट में 1 कैंडल बनती है।
जैसे मान लीजिए एक 5 मिनट की कैंडल 100 पर open हुआ है और ये 120 तक जाता है फिर वापस 80 पर आता है और 90 पर बंद हो जाता है इसमें 100 Open price कहलाएगा 120 इसका High price, 80 low है और 90 इसका क्लोजिंग प्राइस है।
इससे आपको पता चल गया होगा की चार्ट पर इतने सारे कैंडल रहते है वो अपने समय अंतराल को पूरा करने के बाद नया कैंडल बनते है जैसे आपने 15 मिनट का चार्ट ओपन किया उसमे हर एक कैंडल 15 मिनट की होगी और उसके बाद नया कैंडल बनना शुरू होगा इसी तरह 5 मिनट,1 घंटा,4 घंटा के चार्ट में भी होता और यही प्रोसेस चलता रहता है जब तक मार्केट खुला रहता है।
Candlestick कैसे Read करते है?| How to Read Candlestick In Hindi
Share market मे किसी भी चार्ट के कैंडल को पढ़ने के लिए इस candlestick के अलग अलग प्वाइंट्स को देखना पड़ता है जैसे वो कैंडल कब खुला है और कितना ऊपर गया है कितना का low लगाया है और उसकी closing क्या है। जिसमे आपको किसी भी कैंडल में 4 चीज देखने को मिलता है
- Open-Opening Price
- Close- Closing Price
- High- Highest Price
- Low – Lowest Price
1 opening Price : इससे कैंडल के शुरुआती प्राइस का पता चलता है जब कैंडल बनना शुरू होती है जैसे अगर कोई चार्ट 1 days का है तो उसमे बनने वाले candlestick 1 दिन में पूरा होगा मतलब जब कैंडल की शुरुआत हुई थी वह opening Price कहलाएगा।
2 Closing Price : Opening Price की तरह ही जब कैंडल की closing होगी यानी ये कैंडल बंद होकर नया कैंडल बनेगा जिसमे उस कैंडल के आखरी प्राइस को Closing Price कहते है।
3 Highest Price : जब कोई कैंडल open होने के बाद और close होने से पहले जितना उपर जाती है मतलब जितना high जाती है उसका Highest Price कहलाता है।
4 Lowest Price: जब कोई कैंडल open होने के बाद और close होने से पहले जितना नीचे जाती है मतलब जितना Low होता है उसका Lowest Price कहलाता है।
आमतौर पर तो शेयर मार्केट में दो तरह के कैंडल होते है bullish candle और bearish candle
1 Bullish Candle : हरी कैंडल bullish candle कहलाती है इसमें जब कोई कैंडल अपने timeframe मे open होकर ज्यादा पर close होती है Bullish कहलाती है Bullish candle से मार्केट ऊपर जाता है यानी बढ़ता है।
2 Bearish Candle : जब कोई कैंडल अपने time frame मे open होकर कम में close होती है उसे Bearish Candle कहते है।Bearish Candle लाल होता है जिससे मार्केट गिरता है यानी घटता है।
FAQ (What Is Candlestick In Hindi)
Q1.What is Candlestick In Hindi
Answer : Candlestick शेयर मार्केट में प्राइस मूवमेंट को दिखाती है जिससे ट्रेडर कैंडल्स देखकर प्राइस एक्शन और टेक्निकल एनालिसिस करता है जिसमे अलग अलग चार्ट पैटर्न और candlestick शामिल होते है
Q2. Candlestick कितने प्रकार के होते है
Answer: आमतौर पर तो शेयर मार्केट में दो तरह के कैंडल होते है bullish candle और bearish candle जिसमे bullish मतलब हरी कैंडल होती है जब मार्केट ऊपर जाती है तो हरी कैंडल बनती है और जब मार्केट नीचे यानी bearish होती है तो लाल कैंडल बनती है।
Conclusion (What Is Candlestick In Hindi)
आपको इसमें candlestick के बारे में जानने को मिला की शेयर बजार में चार्ट में candlestick होते है जो हरे और लाल होते है जब मार्केट bullish होता है तो हरी कैंडल बनती है और जब मार्केट bearish होती है तो लाल कैंडल बनती है उसी तरह हमने सीखा की candlestick कैसे बनती है
उम्मीद है आपको ये लेख what is Candlestick in hindi अच्छे से समझ आया होगा और ये जानकारी पसंद आया होगी अगर ये जानकारी अच्छी लगी तो आपने दोस्तो में शेयर करे और अपनी राय हमे कमेंट में जरूर बताएं।
धन्यवाद
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